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Nandankanan zoological park[EEHV ] /नंदनकानन चिड़ियाघर में वायरस की वजह से चार हाथियों के मौत

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क नंदनकानन चिड़ियाघर चर्चा का विषय रहा है ,क्योंकि एक वायरस की वजह से चार हाथियों के मौत हो गई।मौत का कारण (EEHV) वायरस को बताया जा रहा है । नंदनकानन, जिसका शाब्दिक अर्थ है गार्डन ऑफ हैवन, ओडिशा के भुनेश्वर के समीप है।यह अन्य चिड़ियाघरों के अपेक्षा जंगल के अंदर है।यह पूरी तरह प्राकृतिक वातावरण में है । एलीफैंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) एलिफेंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) को एलिफेंटिड बेटाहैरपिसवायरस-1, ईआईएचबी-1 (Elephantid betaherpesvirus-1,ElHV-1) के रूप में भी जाना जाता है। EEHV एक प्रकार का हर्पीस वायरस है जो युवा एशियाई हाथियों में अत्यधिक घातक रक्तस्रावी बीमारी का कारण बन सकता है।   पार्क की विशेषता ■ भारत का पहला चिड़ियाघर है जहाँ लुप्तप्राय रटेल का संरक्षित प्रजनन हुआ। ■वर्ष1980 में विश्व मे पहली बार घड़ियालों को संरक्षित प्रजनन कराया गया। ■सफेद पीठ वाले गिद्ध के संरक्षित प्रजनन के लिए चनियत छः चिड़ियाघरों में से एक । ■सफेद बाघ और मेलेन्सटिक टाइगर की ब्रीडिंग वाला दुनिया का पहला चिड़ियाघर। केंद्रीय चिड़ि

King of mangoes , Alphansho ,gets GI tag / अलफांसो को भौगोलिक संकेतक का दर्जा

आम अपने स्वाद, सुंगध, मिठास के लिए काफी प्रशिद्ध है जो वर्ष भर मिलता है लेकिन इसका भी एक खास महीना होता है गर्मी का । फलो का राजा कहा जाता है क्योंकि इसे छोटे से बड़े हर रूप में खाया जाता है, सब का स्वाद अच्छा होता है | आमो का राजा अलफांसो ( हाफूस )    मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है। अलफांसो नाम अफोंसो दि अल्बुकर्क के सम्मान में रखा गया है।वही कीमत की बात की जाये तो यह सबसे महंगे आमों में से एक है। हाफूस आम की सबसे बेहतरीन किस्म महाराष्ट्र के कोंकण इलाके के सिन्धदुर्ग जिले के तहसील देवगढ़ में उगाई जाती है। अलफांसो की माँग यह विश्व का बहुत प्रसिद्ध फल है ।जो कई देशों में निर्यात किया जाता है ।जैसे-जापान, कोरिया और यूरोप ।नए बाज़ार के रूप में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सामने आए है। अलफांसो को भौगोलिक संकेतक भारत मे पहला भौगोलिक संकेतक दार्जलिंग चाय को 2004 में दिया गया था। अलफांसो आम ,रत्नागिरी, सिन्धदुर्ग तथा महाराष्ट् र से लगे क्षेत्र को एक पहचान प्रदान करने के लिए दिया गया है । भौगोलिक संकेतक होता क्या है

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य तथा लोकगीत/ folk music and dance of uttar pardesh

लोकनृत्य चरकुला यह नृत्य ब्रजभूमि में रथ के पहिये  पर अनेक घड़ो को रखकर किया जाता है। इसे ब्रजभूमि का घड़ा नृत्य भी कहा जाता है। छोलिया    राजपूतों में प्रचलित इस नृत्य गीत का प्रस्तुतिकरण तलवार और ढाल लेकर  किया जाता है।इस गीत नृत्य को विवाह के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाता है। जोगिनी अवध क्षेत्र में पुरुष नर्तकों द्वारा  रामनवमी  के अवसर पर सामूहिक रूप से किया जाता है। नटवरी   पूर्वी  उत्तर प्रदेश  में अहीरों तथा यादवों में प्रचलित नृत्य है। पाई डंडा नृत्य   यह नृत्य बुंदेलखंड के अहीरों द्वारा छोटे -छोटे डंडे लेकर गुजरात के डांडिया नृत्य के समान यह नृत्य किया जाता है। राई नृत्य    बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा इस नृत्य को  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी  के अवसरपर किया जाता है। इसको मयूर की भांति किया जाता है । इसलिए यह मयूर नृत्य भी कहलाता है । धोबिया राग धोबी जाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य। शायरा    बुंदेलखंड के किसानों द्वारा फसल काटने के समय किया जाने वाला नृत्य।                                                       लोकगीत       लोकगीत क्

Biography of Gautam Buddha/गौतम बुद्ध की जीवनी

 Gautam buddha biography                            ANCIENT HISTORY गौतम बुद्ध 1-गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी मे 563 ई.पूर्व में हुआ था। 2-बोधगया में महाबोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई, तभी से वे गौतम बुद्ध के नाम से जाने जाने लगे । 3-बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश  सारनाथ  में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा गया। 4-बुद्ध ने अपने जीवनकाल में सर्वाधिक उपदेश कौशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिए। 5-बुद्ध के जीवन की अन्य घटनाएं, उनकी मृत्यु(महा परिनिर्वाण) कुशीनगर में हुआ ,तथा गृह त्याग(महाभिनिष्क्रमण) राजगृह से हुआ। 6- बुद्ध ने कोई पुस्तक नहीं लिखी थी,उनके उपदेश मौखिक होते थे।बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके शिष्यों ने बुद्ध के उपदेशों का संग्रह त्रिपिटक में किया है। इसकी रचना पाली भाषा में कई गई है। त्रिपिकेटक में सुत्तपिटक(धर्म सबंधी बातों की चर्चा),अभिधम्म पिटक(दार्शनिक विचारों का संकलन)और विनयपिटक(नीति संबंधी बातों)का उल्लेख है। 7-80 वर्ष की अवस्था मे 483ई.पूर्व कुशीनगर में उनकी मृत्यु हो गई। Cancerous tumours treatment by using radio isotope/कोबा

Cancerous tumours treatment by using radio isotope/कोबाल्ट-60

                                        Co-60                                                     कोबाल्ट-60 एक रेडियो समस्थानिक है जिसको कैंसर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। कोबाल्ट-60 रेडियो समस्थानिक द्वारा उत्सर्जित उच्च ऊर्जा गामा विकिरणों को जब मानव शरीर में कैंसर ट्यूमर पर डाला जाता है। कैंसर कोशिकाएं जल जाती है। रेडियो ऐक्टिव विकिरणों के उपयोग द्वारा कैंसर का इलाज, विकिरण चिकित्सा( radio therapy )कहलाती है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य तथा लोकगीत/ folk music and dance of uttar pardesh  Biography of Gautam Buddha/गौतम बुद्ध की जीवनी