नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क
नंदनकानन चिड़ियाघर चर्चा का विषय रहा है ,क्योंकि एक वायरस की वजह से चार हाथियों के मौत हो गई।मौत का कारण (EEHV) वायरस को बताया जा रहा है ।नंदनकानन, जिसका शाब्दिक अर्थ है गार्डन ऑफ हैवन, ओडिशा के भुनेश्वर के समीप है।यह अन्य चिड़ियाघरों के अपेक्षा जंगल के अंदर है।यह पूरी तरह प्राकृतिक वातावरण में है ।
एलीफैंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV)
- एलिफेंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) को एलिफेंटिड बेटाहैरपिसवायरस-1, ईआईएचबी-1 (Elephantid betaherpesvirus-1,ElHV-1) के रूप में भी जाना जाता है।
- EEHV एक प्रकार का हर्पीस वायरस है जो युवा एशियाई हाथियों में अत्यधिक घातक रक्तस्रावी बीमारी का कारण बन सकता है।
पार्क की विशेषता
■ भारत का पहला चिड़ियाघर है जहाँ लुप्तप्राय रटेल का संरक्षित प्रजनन हुआ।
■वर्ष1980 में विश्व मे पहली बार घड़ियालों को संरक्षित प्रजनन कराया गया।
■सफेद पीठ वाले गिद्ध के संरक्षित प्रजनन के लिए चनियत छः चिड़ियाघरों में से एक ।
■सफेद बाघ और मेलेन्सटिक टाइगर की ब्रीडिंग वाला दुनिया का पहला चिड़ियाघर।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण,एक सांविधिक निकाय है।जो वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम,1972 के प्रावधानों के अनुसार विनियमित तथा राष्ट्रीय चिड़ियाघर नीति,1992 द्वारा निर्देशित किया जाता है।जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में जानवरों के रख-रखाव और स्वास्थ्य देखभाल के लिए न्यूनतम मानकों तथा मानदंडों को लागू करता है।
चिन्ता का विषय
■प्रजनन प्रभावित होगा।
■उपचार कठिन है ,क्योंकि सभी हाथियों का जाँच कर पाना मुश्किल है ।
■■■ ओडिशा सरकार ने इस वायरस से निपटने के लिए असम और केरल के विशषज्ञों से सहायता मांगी है।
hi
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