लोकनृत्य
चरकुला
यह नृत्य ब्रजभूमि में रथ के पहिये पर अनेक घड़ो को रखकर किया जाता है। इसे ब्रजभूमि का घड़ा नृत्य भी कहा जाता है।
छोलिया
राजपूतों में प्रचलित इस नृत्य गीत का प्रस्तुतिकरण तलवार और ढाल लेकर किया जाता है।इस गीत नृत्य को विवाह के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाता है।
जोगिनी
अवध क्षेत्र में पुरुष नर्तकों द्वारा रामनवमी के अवसर पर सामूहिक रूप से किया जाता है।
पाई डंडा नृत्य
यह नृत्य बुंदेलखंड के अहीरों द्वारा छोटे -छोटे डंडे लेकर गुजरात के डांडिया नृत्य के समान यह नृत्य किया जाता है।
राई नृत्य
बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा इस नृत्य को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसरपर किया जाता है। इसको मयूर की भांति किया जाता है । इसलिए यह मयूर नृत्य भी कहलाता है।
धोबिया राग
धोबी जाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य।
शायरा
लोकगीत क्षेत्र
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मिर्जापुर |
चैता |
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