Skip to main content

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य तथा लोकगीत/ folk music and dance of uttar pardesh

लोकनृत्य



चरकुला

यह नृत्य ब्रजभूमि में रथ के पहिये  पर अनेक घड़ो को रखकर किया जाता है। इसे ब्रजभूमि का घड़ा नृत्य भी कहा जाता है।

छोलिया 

 राजपूतों में प्रचलित इस नृत्य गीत का प्रस्तुतिकरण तलवार और ढाल लेकर  किया जाता है।इस गीत नृत्य को विवाह के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाता है।

जोगिनी

अवध क्षेत्र में पुरुष नर्तकों द्वारा रामनवमी के अवसर पर सामूहिक रूप से किया जाता है।

नटवरी 

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अहीरों तथा यादवों में प्रचलित नृत्य है।

पाई डंडा नृत्य 

यह नृत्य बुंदेलखंड के अहीरों द्वारा छोटे -छोटे डंडे लेकर गुजरात के डांडिया नृत्य के समान यह नृत्य किया जाता है।

राई नृत्य 

 बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा इस नृत्य को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसरपर किया जाता है। इसको मयूर की भांति किया जाता है । इसलिए यह मयूर नृत्य भी कहलाता है

धोबिया राग

धोबी जाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य।


शायरा 

 बुंदेलखंड के किसानों द्वारा फसल काटने के समय किया जाने वाला नृत्य।

            

                                        लोकगीत

   लोकगीत क्षेत्र

                                 आल्हा 

                          बुंदेलखंड

                                   बिरहा

                           पूर्वी उत्तर प्रदेश

                                  कजरी

                           मिर्जापुर

                                   चैता 

                          अवध एवं भोजपुर क्षेत्र


    Biography of Gautam Buddha/गौतम बुद्ध की जीवनी                                                              


Comments

Popular posts from this blog

Biography of Gautam Buddha/गौतम बुद्ध की जीवनी

 Gautam buddha biography                            ANCIENT HISTORY गौतम बुद्ध 1-गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी मे 563 ई.पूर्व में हुआ था। 2-बोधगया में महाबोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई, तभी से वे गौतम बुद्ध के नाम से जाने जाने लगे । 3-बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश  सारनाथ  में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा गया। 4-बुद्ध ने अपने जीवनकाल में सर्वाधिक उपदेश कौशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिए। 5-बुद्ध के जीवन की अन्य घटनाएं, उनकी मृत्यु(महा परिनिर्वाण) कुशीनगर में हुआ ,तथा गृह त्याग(महाभिनिष्क्रमण) राजगृह से हुआ। 6- बुद्ध ने कोई पुस्तक नहीं लिखी थी,उनके उपदेश मौखिक होते थे।बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके शिष्यों ने बुद्ध के उपदेशों का संग्रह त्रिपिटक में किया है। इसकी रचना पाली भाषा में कई गई है। त्रिपिकेटक में सुत्तपिटक(धर्म सबंधी बातों की चर्चा),अभिधम्म पिटक(दार्शनिक विचारों का संकलन)और विनयपिटक(नीति संबंधी बातों)का उल्लेख है। 7-80 वर्ष की अवस्था मे 483ई.पूर्व कुशीनगर में उनकी मृत्यु हो गई। Cancerous tumours treatment by using radio isotope/कोबा

Nandankanan zoological park[EEHV ] /नंदनकानन चिड़ियाघर में वायरस की वजह से चार हाथियों के मौत

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क नंदनकानन चिड़ियाघर चर्चा का विषय रहा है ,क्योंकि एक वायरस की वजह से चार हाथियों के मौत हो गई।मौत का कारण (EEHV) वायरस को बताया जा रहा है । नंदनकानन, जिसका शाब्दिक अर्थ है गार्डन ऑफ हैवन, ओडिशा के भुनेश्वर के समीप है।यह अन्य चिड़ियाघरों के अपेक्षा जंगल के अंदर है।यह पूरी तरह प्राकृतिक वातावरण में है । एलीफैंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) एलिफेंट एंडोथिलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) को एलिफेंटिड बेटाहैरपिसवायरस-1, ईआईएचबी-1 (Elephantid betaherpesvirus-1,ElHV-1) के रूप में भी जाना जाता है। EEHV एक प्रकार का हर्पीस वायरस है जो युवा एशियाई हाथियों में अत्यधिक घातक रक्तस्रावी बीमारी का कारण बन सकता है।   पार्क की विशेषता ■ भारत का पहला चिड़ियाघर है जहाँ लुप्तप्राय रटेल का संरक्षित प्रजनन हुआ। ■वर्ष1980 में विश्व मे पहली बार घड़ियालों को संरक्षित प्रजनन कराया गया। ■सफेद पीठ वाले गिद्ध के संरक्षित प्रजनन के लिए चनियत छः चिड़ियाघरों में से एक । ■सफेद बाघ और मेलेन्सटिक टाइगर की ब्रीडिंग वाला दुनिया का पहला चिड़ियाघर। केंद्रीय चिड़ि