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King of mangoes , Alphansho ,gets GI tag / अलफांसो को भौगोलिक संकेतक का दर्जा

आम अपने स्वाद, सुंगध, मिठास के लिए काफी प्रशिद्ध है जो वर्ष भर मिलता है लेकिन इसका भी एक खास महीना होता है गर्मी का । फलो का राजा कहा जाता है क्योंकि इसे छोटे से बड़े हर रूप में खाया जाता है, सब का स्वाद अच्छा होता है |
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आमो का राजा अलफांसो (हाफूस ) 

 मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है। अलफांसो नाम अफोंसो दि अल्बुकर्क के सम्मान में रखा गया है।वही कीमत की बात की जाये तो यह सबसे महंगे आमों में से एक है। हाफूसआम की सबसे बेहतरीन किस्म महाराष्ट्र के कोंकण इलाके के सिन्धदुर्ग जिले के तहसील देवगढ़ में उगाई जाती है।

अलफांसो की माँग

यह विश्व का बहुत प्रसिद्ध फल है ।जो कई देशों में निर्यात किया जाता है ।जैसे-जापान, कोरिया और यूरोप।नए बाज़ार के रूप में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सामने आए है।

अलफांसो को भौगोलिक संकेतक

भारत मे पहला भौगोलिक संकेतक दार्जलिंग चाय को 2004 में दिया गया था। अलफांसो आम ,रत्नागिरी, सिन्धदुर्ग तथा महाराष्ट्र से लगे क्षेत्र को एक पहचान प्रदान करने के लिए दिया गया है ।
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भौगोलिक संकेतक होता क्या है?

भौगोलिक संकेतक का उपयोग एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र के लिए होता है ।जो उत्पाद को विशिष्ट विशेषता ,प्रतिष्ठा प्रदान करती है।भारत मे यह कार्य'वस्तुओं का भौगोलिक सूचक' (पंजीकरण और संरक्षण)अधिनियम,1999 के तहत किया जाता है, जो सितंबर2003 से लागू हुआ ।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर WTO के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं पर समझौता के तहत किया जाता है ।


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